Screen Time और Mobile Addiction में Parenting का रोल

Screen Time और Mobile Addiction में Parenting का रोल

📱1. Screen Time क्या होता है?
स्क्रीन टाइम का मतलब है की वह समय जो कोई बच्चा मोबाइल, टैबलेट, टीवी या कंप्यूटर जैसी किसी भी डिजिटल उपकरण की स्क्रीन के सामने बिताता है। स्क्रीन टाइम कम करने के उपाय इस लेख में है। अच्छी Parenting वही होती है जो स्क्रीन टाइम को कम करती है। स्क्रीन टाइम कम से कम होना चाहिए। वह किसी भी रूप में हो सकता है जैसे की वो वीडियो देख रहा हो, गेम खेल रहा हो, ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा हो या सोशल मीडिया चला रहा हो—ये सब स्क्रीन टाइम में ही आता है।

स्क्रीन टाइम जितना कम होगा, बच्चों के लिए उतना ही अच्छा रहेगा—चाहे वो मानसिक विकास की बात हो, शारीरिक एक्टिविटी की या फिर उनकी आंखों की सेहत की।

➤ उदाहरण:
मान लीजिए, एक बच्चा सुबह स्कूल से आने के बाद 1 घंटा यूट्यूब पर वीडियो देखता है, फिर 1 घंटा ऑनलाइन गेम खेलता है और रात में टीवी देखता है – तो उसका कुल Screen Time 3 घंटे हुआ।

🔹 Screen Time के दो मुख्य प्रकार:
स्क्रीन टाइम के दोनों प्रकार नीचे दिए गए हैं।
Productive Screen Time:
✔ जैसे – ऑनलाइन क्लासेस देखना,मोबाइल पर कार्टून देखना, कोडिंग ऐप्स पर सीखना, इंग्लिश स्टोरीज़ सुनना
✔ उदाहरण के लिए:
अगर बच्चा ऑनलाइन क्लासेस देख रहा है, मोबाइल पर कार्टून देख रहा है, कोडिंग ऐप्स के ज़रिए कुछ नया सीख रहा है या इंग्लिश कहानियाँ सुन रहा है—तो ये सारी गतिविधियाँ स्क्रीन टाइम में शामिल होती हैं।

बच्चों के Screen Time और Mobile Addiction

Unproductive Screen Time:
❌ जैसे – TikTok या Instagram पर घंटों स्क्रॉल करना, Reels देखना
👉 उदाहरण: हर थोड़ी देर में मोबाइल उठाकर WhatsApp चेक करना या बेवजह YouTube Shorts देखना

जब Unproductive Screen Time ज़्यादा हो जाता है, तब वह धीरे-धीरे Mobile Addiction का रूप ले लेता है।

📵 2. Mobile Addiction क्या है?
यह एक ऐसी स्थिति होती है जहाँ बच्चा बिना मोबाइल के असहज महसूस करने लगता है। वह बार-बार मोबाइल माँगता है, और न मिलने पर गुस्सा या चिड़चिड़ा हो जाता है।

🔍 पहचानिए Addiction के लक्षण:
🔁 हर 10-15 मिनट में मोबाइल देखने की आदत

😴 नींद का समय घट जाना

📚 पढ़ाई से ध्यान हटना

🤝 दूसरों से बातचीत में कमी

👁️ आंखों में जलन, सिरदर्द या सुस्ती

➤ उदाहरण:
7 साल का “आरव” स्कूल से आने के बाद 3 घंटे मोबाइल पर कार्टून देखता है। जब उसकी माँ मोबाइल लेने की कोशिश करती हैं, तो वह रोता है, चिल्लाता है और खुद को कमरे में बंद कर लेता है। यह Mobile Addiction का संकेत हो सकता है।

⚠️ 3. Screen Time और Mobile Addiction के बच्चों पर प्रभाव

  1. शारीरिक असर:
    📉 आंखों की रोशनी कम होना
    लगातार स्क्रीन देखने से Dry Eyes और Eye Strain हो सकता है

🛌 नींद की कमी
ब्लू लाइट दिमाग को अलर्ट रखती है, जिससे नींद आने में देर होती है

🍔 वजन बढ़ना
बच्चा स्क्रीन के कारण आउटडोर खेलना बंद कर देता है

  1. मानसिक असर:
    🧠 एकाग्रता में कमी – स्कूल में ध्यान न देना

😟 Anxiety और Depression के लक्षण – जब फोन नहीं मिलता तो बेचैनी

😡 गुस्सा – छोटी बातों पर झुंझलाना

  1. सामाजिक असर:
    🤐 परिवार से बातचीत में कमी

❌ दोस्त बनाना मुश्किल

😶 टीमवर्क, सहानुभूति (Empathy) की कमी

📊 4. उम्र के अनुसार Screen Time कितना होना चाहिए?
आयु Recommended Screen Time उदाहरण
0–2 वर्ष बिल्कुल नहीं (सिर्फ वीडियो कॉल) बच्चों को कार्टून भी न दिखाएं
2–5 वर्ष 1 घंटा प्रतिदिन High-quality videos जैसे Cocomelon, Rhymes
6–18 वर्ष 2 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई + मनोरंजन मिलाकर

👉 Note: जरूरी नहीं कि हर बच्चा समान हो। यह guideline उनके मानसिक और शारीरिक विकास को ध्यान में रखकर है।

👨‍👩‍👧‍👦 5. Parenting में आपका रोल
🔹 1. खुद एक रोल मॉडल बनें
अगर आप खाने के समय या बात करते समय मोबाइल देखते हैं, तो बच्चा भी वही करेगा।

🧩 “जब आप खुद किताब पढ़ते हैं, तो बच्चा भी उसमें रुचि दिखाने लगता है।”

🔹 2. डिजिटल रूटीन बनाएं
⏰ समय तय करें:

सुबह: बिना मोबाइल के तैयार होना

दोपहर: स्कूल के बाद 30 मिनट टीवी या गेम

शाम: आउटडोर खेल

रात: किताब पढ़ना / परिवार से बातचीत

📋 एक चार्ट बनाएं और दीवार पर चिपकाएं जिसमें “Mobile Time”, “Outdoor Time”, “Family Time” लिखा हो।

🔹 3. Screen-Free Zones बनाएं
🍽️ खाने की टेबल पर “No Mobile” नियम

🛏️ सोने के 1 घंटे पहले स्क्रीन बंद

🛋️ ड्राइंग रूम में परिवार के साथ समय = “Quality Time”

🔹 4. Content की Quality पर ध्यान दें
✅ Cartoon Network की जगह Discovery Kids

✅ गेम्स की जगह Learning Apps (Duolingo, Khan Academy)

🧒🏻 बच्चों के साथ बैठकर उनके देखे हुए कंटेंट पर बात करें –
“क्या तुम्हें उस कहानी से कुछ सिखने को मिला?”

बच्चों के Screen Time और Mobile Addiction

🔹 5. बच्चों से संवाद करें
❌ मत कहें – “फोन मत चलाओ”
✅ कहें – “फोन ज़्यादा चलाने से तुम्हारी आंखें थक जाएंगी और फिर सिर दर्द होगा।”

बातचीत में डर नहीं, समझ और विश्वास हो।

🌱 6. Positive Digital Exposure कैसे दें?
✔️ Interactive Apps का इस्तेमाल:
Scratch Jr – छोटे बच्चों के लिए कोडिंग

Toca Boca – क्रिएटिव सोच के लिए गेम

Storytel – हिंदी/अंग्रेज़ी कहानियां सुनने के लिए

👨‍👩‍👧 Family Co-Viewing करें:
हर रविवार “Family Movie Night”
उदाहरण: जंगल बुक, तारों की छांव में जैसी फ़िल्में

बच्चों से उस मूवी पर बात करें
“क्या मोगली ने जो किया, वो सही था?”

🔄 7. अगर बच्चा Already एडिक्ट है?
🚫 ग़लत तरीका:
डांटना

मोबाइल छीन लेना

धमकाना

✅ सही तरीका:
Step-by-Step Approach:
🤝 बातचीत से शुरुआत करें
“मैं समझता हूँ कि तुम्हें गेम पसंद हैं, लेकिन…”

🎨 विकल्प दें

आउटडोर खेल: बैडमिंटन, फुटबॉल

इनडोर एक्टिविटी: आर्ट, LEGO, किताबें

🏆 Progress पर Reward दें
“अगर तुम 1 घंटा कम मोबाइल चलाओगे, तो हम पार्क चलेंगे।”

🧠 काउंसलिंग लें (यदि जरूरत हो)
बच्चों के साइकोलॉजिस्ट से मिलकर Behavioral Therapy शुरू करें

📋 8. Practical Tips for Parents
✅ मोबाइल ऐसी जगह चार्ज करें जहाँ बच्चा खुद से न पहुँच सके
✅ Screen Time Track करने के लिए इस्तेमाल करें –

Google Family Link

Digital Wellbeing
✅ बच्चों को Real-world Activities में Engage करें

स्पोर्ट्स

Story-telling Sessions

म्यूजिक क्लासेस

🧘 खुद भी हफ्ते में 1 दिन “Digital Detox” करें
उदाहरण: “रविवार को मैं भी फोन बंद रखूंगा और तुम्हारे साथ बोर्ड गेम खेलूंगा।”

बच्चों के Screen Time और Mobile Addiction

🔚 निष्कर्ष:
बच्चों को डिजिटल दुनिया से पूरी तरह दूर करना व्यावहारिक नहीं है। लेकिन सही गाइडेंस और सीमित स्क्रीन टाइम से हम उन्हें संतुलित, खुश और स्वस्थ बना सकते हैं। शुरुआत संवाद और सहानुभूति से करें – और याद रखें, बच्चे सुनने से ज़्यादा देखने से सीखते हैं।

Vishal Rathod is a parenting blogger at Khabar Insights, sharing expert tips, real-life experiences, and practical advice to help parents raise happy, confident kids. From toddler tantrums to teen troubles, he covers it all with empathy and insight.

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